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हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष, राष्ट्रीय कथा वाचिका सुश्री पूजा किशोरी जी की...कलम से

जांजगीर-चाम्पा:- श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को सम्पूर्ण भारत में पुरे उत्साह के साथ मनाया जाता हैं! शास्त्रों के मुताबिक चैत्र पूर्णिमा को ही बजरंगबली जी का जन्म हुआ था, इस वर्ष हनुमान जी प्राकट्योत्सव 27अप्रैल  मंगलवार को मनाया जाएगा!हनुमान जी को सर्व मंगलकारी कहा गया हैं इसलिए इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती हैं!हनुमान जी की पूजा करने और व्रत रखने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता हैं और जीवन में किसी प्रकार का संकट नहीं आता हैं, इसलिए उनको संकट मोचक भी कहा गया हैं! ज्योतिषी विज्ञान के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि की साढ़ेसती चल रही हैं उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधिवत करना चाहिए। ऐसा करने से शनिग्रह से जुडी संकट दूर हो जाती हैं!

         हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए उस दिन ब्रह्ममुहर्त में विधिवत पूजा करने से शत्रु पर विजय मिलने के साथ ही मनोकामनाओ की पूर्ति होती हैं! पवन पुत्र हनुमान जी को भगवान शिव जी का 11 वां अवतार माना जाता है। उनका अवतार रामभक्ति और भगवान श्रीराम के कार्यों को सिद्ध करने के लिए हुआ है।वे बाल ब्रह्मचारी थे और बचपन से लेकर अपना पूरा जीवन उन्होंने श्री रामचंद्र जी की सेवा में समर्पित कर दिया!हनुमान जी भक्तो में श्रेष्ठ, बल, बुद्धि, विद्या के देने वाले और क्लेश एवं विकार हो हरने वाले हैं!हनुमान जी को लाल रंग ही भाता हैं, सिंदूर. बंदन लाल पुष्प बड़ी श्रद्धा के साथ सच्चे मन से चढ़ाने से हनुमान जी हम सबकी मनोकामनाओ को पूर्ण करते है इसलिए हमेशा भक्तो को हनुमान चालीसा, सुन्दरकांड और हनुमान जी की आरती का पाठ करना चाहिए!यदि हनुमान जी आशीर्वाद पाना है तो मुख से राम -राम कहना पढता ही हैं "जय श्री राम "!

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